Monday, June 6, 2011

New poetry - 5

लफ्ज़ बदले,  पर गुफ्तगू  नहीं बदला
वक़्त बदला,  लेकिन जज्बह नहीं उतरा 
लम्हों की जिंदगी से उम्मीद नहीं निकला
वही पुराने याद्धाश्त,  इह्सास नहीं बदला 

फरयाद करे तो कहाँ करें बुनियाद वही है 

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