relentless thinker
क्या खूब फरमाया जनाब ने फिर भी , चलना नहीं रोखा संत कहत की बहता पानी निर्मल हम है वाही हम थे जहा!येलानागा
हम तो जहाँ शुरू हुए वहीं अटक गए वोही ख्वाब वोही इशारे वोही सहारे!मासूमियत का मत पूछो पता जिंदगी के राहों पर घुम होगया! dont laugh at this idiocracy. today iam in good mood. threw something on the board
very good ra, neelo inkka aa kavi hrudayam chachipoledu....keep it up
क्या खूब फरमाया जनाब ने
ReplyDeleteफिर भी , चलना नहीं रोखा
संत कहत की बहता पानी निर्मल
हम है वाही हम थे जहा!
येलानागा
हम तो जहाँ शुरू हुए वहीं अटक गए
ReplyDeleteवोही ख्वाब वोही इशारे वोही सहारे!
मासूमियत का मत पूछो पता
जिंदगी के राहों पर घुम होगया!
dont laugh at this idiocracy. today iam in good mood. threw something on the board
very good ra, neelo inkka aa kavi hrudayam chachipoledu....keep it up
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